“मालवीय नगर विधानसभा सीट: जयपुर की आठ विधानसभा सीटों में सबसे अहम संघर्ष”

“मालवीय नगर विधानसभा सीट: जयपुर की आठ विधानसभा सीटों में सबसे अहम संघर्ष”

मालवीय नगर विधानसभा सीट: जयपुर की आठ विधानसभा सीटों में सबसे अहम। यहां से एक जीत के लिए कांग्रेस पंद्रह साल से इंतजार कर रही है। पिछली बार चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की जीत का अंतर बेहद कम रहा। इस बार फिर से दोनो ही नेता आमने सामने है। कांग्रेस ने फिर से अर्चना शर्मा पर भरोसा जताया है और उधर बीजेपी से जीते हुए कालीचरण सर्राफ को फिर से पार्टी ने टिकट दिया है। वे अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।

सबसे पहले विधानसभा के राजनीतिक समीकरण
पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 213343 मतदाता थे और उन्होंने भाजपा उम्मीदवार कालीचरण सर्राफ को 70221 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी और विधायक बना दिया था। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अर्चना शर्मा को 68517 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 1704 वोटों से चुनाव हार गई थीं। इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में मालवीयनगर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कालीचरण सर्राफ ने जीत हासिल की थी और उन्हें 89974 मतदाताओं का समर्थन मिला था। विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अर्चना शर्मा को 41256 वोट मिल पाए थे और वह 48718 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गई थीं। इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में मालवीयनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कालीचरण सरार्फ को कुल 62011 वोट हासिल हुए थे और वह विधानसभा पहुंचे थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राजीव अरोड़ा दूसरे पायदान पर रह गए थे। इस बार कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि 1700 वोट का यह अंतर अब जरूर जीत में बदल जाएगा।

अब क्षेत्र की बड़ी समस्याएं, जो सालों से समाधान का इंतजार कर रहीं
क्षेत्र की पांच बड़ी समस्याएं हैं। जिनमें सबसे बड़ी समस्या है कच्ची बस्तियां। झालावा और मनोहरपुरा कच्ची बस्ती ऐसी है मानों मखमल में टाट का पैबंद। दोनो ही पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाती हैं इन बस्तियों को बसाने का। लेकिन वोट दोनो ही लेते हैं। दूसरी सबसे बड़ी समस्या है सीवरेज और खुले नाले….। गौरव टावर जैसा इलाका जो शायद पूरे राजस्थान में इकलौता है, जहां एक एक दुकान की कीमत करोड़ों की है। लेकिन वहीं पचास कदम दूर खुला नाला हमेशा महकता रहता है, उसका समाधान कोई नहीं कर सका है। तीसरी बड़ी समस्या है कॉलोनियों में अपराध…. घर के बाहर गाड़ी खड़ी हो वह दिन में ही चोरी हो जाती है। जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र ऐसा इलाका है जहां पूरे राजस्थान के सबसे ज्यादा वाहन चोरी होते हैं। चौथी समस्या है नशा…. रात तक पब, हुक्का बार खुले रहते हैं। जो वहां नहीं जा पाते वे कॉलोनियों के पार्कों में रात के अंधेरे मं बैठकर सूखा नशा करते हैं और फिर अपराध में जुट जाते हैं। पांचवी बड़ी समस्या है ट्रैफिक, हर दूसरे घर में कार, हर तीसरे घर में दो से ज्यादा कारें… उपर से अब ई रिक्शा यहां तक भी पहुंच गए हैं।