"फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में गिर्राज शर्मा पर आरोप, एसीबी ने रिकॉर्ड और दस्तावेजों की खंगाल की, डॉ. जितेंद्र गोस्वामी को पूछताछ के लिए बुलाया"

"फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में गिर्राज शर्मा पर आरोप, एसीबी ने रिकॉर्ड और दस्तावेजों की खंगाल की, डॉ. जितेंद्र गोस्वामी को पूछताछ के लिए बुलाया"

राजस्थान के ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में आरोपी गिर्राज शर्मा के पास से बरामद हुए रिकॉर्ड और दस्तावेजों को एसीबी खंगाल रही है। इस मामले में एसीबी की जांच में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं।

आरोपी गिर्राज शर्मा के खिलाफ चल रहे जांच के दौरान, एसीबी ने रिकॉर्ड और दस्तावेजों की खंगाल की है। इस खंगाल के दौरान कुछ नए तथ्य सामने आए हैं, जो इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

मामले में गिर्राज शर्मा के अलावा, डॉ. जितेंद्र गोस्वामी भी मामले में परीक्षा के लिए बुलाए गए हैं। डॉ. जितेंद्र गोस्वामी ने मणिपाल अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बंद होने के बाद अपनी टीम के साथ फोर्टिस अस्पताल में जुड़ा था। इसके बाद उन्होंने फोर्टिस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने लगे थे।

डॉ. जितेंद्र गोस्वामी और उनकी टीम से एसीबी मुख्यालय में पूछताछ हुई। पूछताछ के बाद, एसीबी ने सभी के मोबाइल सीज किए और सीज मोबाइल FSL भेजे गए हैं।

इस मामले में एसीबी की कार्रवाई के बाद, समाज में उम्मीद है कि अपराधियों को सख्त सजा मिलेगी और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए नए उत्पादन कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने का आरोप गंभीर है, जो आरोपियों की जिम्मेदारी को स्पष्ट करता है। इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ कार्रवाई करने से न केवल न्याय मिलेगा, बल्कि इससे लोगों के विश्वास में भी सुधार आएगा।

इस मामले में आरोपियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की उम्मीद है, जिससे समाज में विश्वास बना रहे। इसके साथ ही, इस मामले में एसीबी की जांच के नए तथ्यों के सामने आने से मामले की जांच में नई दिशा मिल सकती है।