अल्बर्ट हॉल का 137 वां स्थापना दिवस

अल्बर्ट हॉल का 137 वां स्थापना दिवस

◆ आज 21 फरवरी, 2023 को  राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित अल्बर्ट हॉल ने 136 वर्ष पूर्ण कर के 137 वें वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में 137 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।

◆ स्थापना दिवस के विशेष अवसर पर पर्यटकों को दिया जा रहा निशुल्क प्रवेश।

◆ स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे हॉल को दुल्हन की तरह सजाया गया है और पूरा हॉल रोशनी से जगमग आ रहा है।

अल्बर्ट हॉल की खासियतें 

◆ इस holl ममें चौथी से लेकर 14वीं शताब्दी तक की पुरामहत्व की वस्तुएं मौजूद हैं। 

◆ अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में  पुरामहत्व की 2639 वस्तुएं प्रदर्शन के लिए मौजूद हैं, जिनमें सबसे अहम कलेक्शन मिस्त्र की ममी मानी जाती है, जो 2400 साल पुरानी है। 

◆ इसके अतिरिक्त हैंडी क्राफ्ट, मेटल की मूर्तियां, कारपेंट, सिक्के, टैक्सटाइल्स, तलवार, भाले, विभिन्न बंदूकें, विभिन्न हथियार, ममी की गैलेरी सहित अन्य दुर्लभ और महत्वपूर्ण वस्तुएं पर्यटकों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित है। 

अल्बर्ट हॉल के निर्माण से जुड़ा हुआ इतिहास

◆ अल्बर्ट हॉल संग्रहालय का निर्माण 21 फरवरी, 1887 में हुआ था। 

◆ संग्रहालय के वर्तमान अधीक्षक डॉ. राकेश छोनक ने बताया कि महारानी विक्टोरिया के पुत्र प्रिंस ऑफ वेल्स अल्बर्ट एडवर्ड ने जयपुर आगमन के दौरान रामनिवास बाग़ में 1876 में अल्बर्ट हॉल की बुनियाद रखी थी।

◆ यह हॉल करीब 11 वर्ष में बनकर तैयार हुआ।

◆ इसे 5,11,036 रुपए की लागत से तैयार किया गया था। 

◆ इसके निर्माण की लागत व निर्माण से जुड़े हुए सभी तत्वों की जानकारी संग्रहालय में लगे पट्ट पर भी देखने को मिलटी है।

◆  वहीं 21 फरवरी, 1887 को सर एडवर्ड ब्रौडफोर्ड ने इसे जनता के लिए समर्पित किया। 

◆ संग्रहालय में भारतीय ईरानी स्थापत्य और पाषाण अलंकरण मुगल राजपूत स्थापत्य के लिए खास है। 

◆ इसमें यूरोप, मिश्र, चीन, ग्रीक सहित अन्य जगहों की सभ्यता की प्रमुख घटनाएं चित्रित की गई ताकि आने वाले पर्यटक अपनी संस्कृति के साथ-साथ अन्य देशों की संस्कृति और सभ्यता से रूबरू हो सकें।

◆ वर्ष 2007-08 में संग्रहालय के डिस्प्ले में काफी बदलाव किए गए। नमी की एक गैलेरी बनाई गई थी। साथ ही पर्यटकों की सुविधार्थ इसे नाइट टूरिज्म के लिए खोला गया।