राजस्थान के 66 हजार से अधिक सरकारी विद्यालय शनिवार को रचेंगे इतिहास— एक ही दिन में 60 लाख बच्चों में ‘असुरक्षित स्पर्श‘ के प्रति समझ विकसित करने के लिए राजस्थान सरकार की अनूठी पहल

राजस्थान के 66 हजार से अधिक सरकारी विद्यालय शनिवार को रचेंगे इतिहास— एक ही दिन में 60 लाख बच्चों में ‘असुरक्षित स्पर्श‘ के प्रति समझ विकसित करने के लिए राजस्थान सरकार की अनूठी पहल
बच्चों में ‘गुड टच-बैड टच‘ की समझ विकसित कर उनके प्रति यौन दुर्व्यवहार की घटनाओं पर अंकुश लगाने और समाज को ‘चाईल्ड अब्यूज‘ से मुक्त करने के उद्देश्य से राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को ‘सुरक्षित स्कूल-सुरक्षित राजस्थान‘ अभियान के 66 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में एक ही दिन में असुरक्षित स्पर्श के प्रति जागरूकता के लिए विशेष अभियान आयोजित होगा। इसके तहत सरकारी विद्यालयों में करीब 60 लाख विद्यार्थियों को प्रातः 8 बजे से 12 बजे के मध्य ‘गुड टच बैड टच‘ के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की स्कूलों में संचालित इस अभियान की सराहना की है। उन्होंने शनिवार को सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर्स (प्रशिक्षित शिक्षकों) से अपील की है कि वे व्यक्तिगत रुचि लेकर विद्यार्थियों को इस संवेदनशील विषय के बारे में पूरी तरह जागरूक करें, जिससे प्रदेश और समाज में मासूम बच्चों के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा का चक्र बन जाए। श्री गहलोत ने विश्वास व्यक्त किया है कि राज्य के सारे विद्यालयों में 'गुड टच—बैड टच' के बारे में शनिवार को प्रथम चरण के प्रशिक्षण सत्र के बाद, जब आगामी 6 माह में दो बार इसका रिपीटिशन होगा तो इससे समाज में चाइल्ड एब्यूज के प्रकरणों को कम करने में मदद मिलेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि शनिवार को ‘नो बैग डे‘ पर राज्य के समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक सरकारी विद्यालयों के साथ ही सभी महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय और स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए इन विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। एक ही दिन में प्रदेश के सभी स्कूलों में एक साथ होने वाले इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गत दिनों प्रदेश स्तर पर 1200 अधिकारियों और कार्मिकों को ‘गुड टच-बैड टच‘ के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। इन मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से सभी 50 जिलों के सरकारी स्कूलों से चयनित एक-एक शिक्षक को जिला स्तरीय कार्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया गया है। ये विशेष ट्रेनर्स (शिक्षक) शनिवार को ‘नो बैग डे‘ पर अपने-अपने स्कूलों में ‘असुरक्षित स्पर्श‘ के बारे में बच्चों को जागरूक करेंगे। इसके बाद ‘सुरक्षित स्कूल-सुरक्षित राजस्थान‘ अभियान के अन्तर्गत आगामी अक्टूबर और जनवरी माह में भी इसी तर्ज पर सभी स्कूलों में दूसरे और तीसरे चरण में रिपीट सत्र आयोजित किये जाएंगे।
शासन सचिव ने बताया कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए संस्था प्रधानों को अपने-अपने स्कूल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। ये संस्था प्रधान अपने स्कूलों में 26 अगस्त को प्रातः 8 से 12 बजे के मध्य ‘गुड टच बैड टच‘ के बारे में आयोजित कार्यक्रम के बाद इसकी सूचना शाला दर्पण के मॉड्यूल पर तत्काल अपडेट करेंगे। उन्होंने बताया कि ‘सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान‘ अभियान के प्रथम चरण की गतिविधियों के निरीक्षण एवं इस दौरान जिलों के विद्यालयों में मौजूद रहकर विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्बलन प्रदान करने के लिए राज्य स्तर पर शासन सचिवालय में विशिष्ट शासन सचिव एवं संयुक्त शासन सचिव स्तर के अधिकारियों से लेकर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा एवं प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल, साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय, राजस्थान राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद एवं राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में कार्यरत अधिकारियों को सभी 50 जिलों में प्रभारी नियुक्त किया गया है। ये अधिकारी शनिवार (26 अगस्त, 2023)को अपने प्रभार वाले जिलों में मौजूद रहकर ‘सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान‘ अभियान की गतिविधियों की सम्पूर्ण मॉनिटरिंग करेंगे।