अजमेर के प्रतीक खंडेलवाल के नाम दर्द हुआ गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड

अजमेर के प्रतीक खंडेलवाल के नाम दर्द हुआ गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड

◆ राजस्थान के अजमेर निवासी प्रतीक खंडेलवाल ने दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई पैंगोंग झील पर माइनस 15 डिग्री में 21.9 किमी की हाफ मैराथन पूरी करके गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया

हाफ  मैराथन से जुड़ी हुई बातें

◆ इस दौरान -15 डिग्री में हाथ जम गए। सर्दी के कारण कटने लगे। हाथ के घावों में से खून निकलने लगा। लेकिन प्रतीक ने मैराथन पूरी की। इसके लिए उनके पूरे ग्रुप का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। 

◆ इस मैराथन में देशभर के 100 लोगों ने हिस्सा लिया था। 

◆ प्रतीक ने ये मैराथन 4 घंटे में पूरी की। इस हाफ मैराथन में शामिल होने वाले प्रतीक के साथ सभी 100 लोगों का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया गया है।

पैंगोंग झील के बारे में

◆ लद्दाख की पैंगोंग झील 13 हजार 862 फीट ऊंचाई पर है, इन दिनों यह झील बर्फ से जमी हुई है। 

◆ भारत-चीन सीमा में करीब 700 वर्ग किमी तक यह झील फैली है, ◆ सर्दियों के दौरान यहां का तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड किया जा चुका है। 

◆ इस झील पर हॉफ मैराथन का आयोजन पहली बार हुआ है।

प्रतीक खंडेलवाल का संक्षिप्त परिचय

◆ प्रतीक अजमेर के शालीमार्ग कॉलोनी के रहने वाले हैं। उनके पिता राजेश खंडेलवाल रेलवे में इंस्पेक्टर ऑफ स्टोर अकाउंट के पद से 2022 में रिटायर्ड है।

◆ प्रतीक पेश से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, इनकी इंजीनियरिंग इलाहाबाद के ट्रिपल आईटी कॉलेज से हुई है। 

◆ प्रतीक जब 12 साल का थे तब उनके माता-पिता केदारनाथ ले गए थे। तब से उनको पहाड़ों पर जाने का जुनून चढ गया।

◆ प्रतीक ने पहाड़ों पर चढ़ने का कोर्स किया हुआ है। 2015 में ट्रेनिंग के दौरान दार्जलिंग की बर्फीली पहाड़ी पर हादसा हो गया था। 

◆ प्रतीक ने बताया- जब वह पहाड़ पर ऊपर पंहुचा तो खड्डे में जा गिरा। जो काफी गहरा था। एक बार तो सोचा कि मौत आ गई है। मैंने रस्सी बांध रखी थी। लोगों ने इससे मुझे ऊपर खींच लिया।