चूरू में डेजर्ट पार्क के साथ ओपन थिएटर व कैमल सफारी भी बनाया जाएगा।।

स्थानीय महिलाओं ने मिलकर 144 बीघा बंजर जमीन को हरा भरा कर दिया। टूरिस्ट को बढ़ावा देने व सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनाने के उद्देश्य से सुजानगढ़ से सटे गांव गोपालपुरा की हरितिमा ढाणी पार्क विकसित हो रहा है क्योंकि यह ढाणी बेहद अनूठी है। इसका पूरा लुक डेजर्ट की तरह है जिले की यह ऐसी जगह है, जहां राजस्थानी संस्कृति-परंपरा और संपदा को जिंदा रखने की जिद जारी है । इसी जुनून को देखते हुए यहां टूरिज्म डिपार्टमेंट भी इसे डेजर्ट पार्क की तर्ज पर डेवलप करने के लिए आगे आया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने 30 लाख रुपए भी दिए हैं। यह सब संभव हो सका है यहां की महिलाओं के प्रयासों से।
और इन महिला शक्ति ने एक बार फिर से सिद्ध कर लिया कि वह अगर ठान ले तो झोपड़ी को महल व बंजर भूमि को हरा भरा कर सकती हैं।
इन महिलाओं के हौसलों की स्थानीय लोगों से लेकर वहां पर आने वाले पर्यटन सैलानियों तक दाद दे रहा है और इसको इतना खूबसूरत बनाने के प्रयास को लेकर जो सोच उनमें है उसको सलाम कर रहा है।
अब यहांपर कैमल सफारी का लुत्फ भी उठाया जाता है क्यों कि इसके लिए अलग से ट्रैक बनाया गया है। ढाणी में पर्यटकों के आने पर यहां ठेठ राजस्थानी खाने के व्यंजनों से लेकर यहां लोक कलाकार प्रस्तुति भी दी जाती हैं। अभी दो हट्स (झोपड़ियां) बनाई गई हैं। 8-10 हट और बनाने का प्लान है।
पिछले साल एक साथ एक दिन में यहां महिलाओं ने श्रमदान कर 5100 पौधे रोपे, तब से पौधरोपण जारी है। अब तक करीब 15 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। 19 जुलाई, 2021 को हरितिमा ढाणी की शुरुआत हुई थी। ढाणी देखने के लिए कई दूर-दराज से आए लोगों ने इवेंट भी किए।
सरपंच राठी ने बताया कि 30 लाख रुपए से ढाणी में झोंपड़ी में फर्नीचर युक्त यूनिक एक हाइटेक रिसेप्शन बनाया जाएगा। कम्यूनिटी फैसिलिटी सेंटर में कई सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। सार्वजनिक टायलेट बनाए जाएंगे। ओपन थियेटर के प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं।
ये काम अगले महीने शुरू होंगे। इसके बाद भी अनेक प्रोजेक्ट्स के तहत नवाचार कर यूनिक बनाया जाएगा। सरपंच सविता राठी ने बताया कि हरितिमा ढाणी में बेंगलूरु की स्टार्ट-अप कंपनी से एमओयू कर अश्वगंधा की सात बीघा में बुआई की गई है। यह कंपनी 3 से 5 लाख रुपए में ये अश्वगंधा खरीदेगी। इससे पंचायत की निजी आय होगी। अप्रैल में ये तैयार हो जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ढाणी में शुरुआत की है।
इन सभी योजनाओं से यह ढाणी आने वाले समय में भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक बहुत बड़ा टूरिस्ट पर्यटन स्पॉट बनने वाला है। जिन पर थीसिस/ आर्टिकल भी लिखें जाएंगे। इन महिलाओं के हौसलों की कहानियां भी सुनाई जाएगी क्योंकि यह सब कुछ जो संभव हुआ है वह इन महिलाओं की बदौलत ही हुआ है।
नारी शक्ति के इस अदम्य साहस व हौसलों को दिल से सलाम