शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का पवित्र व पावन त्यौहार होता हैं। इन पावन दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना व पूजा की जाती हैं। अपनी श्रद्धा अनुसार अनुष्ठान करते हैं। बड़े ही धूमधाम से मनाये जानें वाला शारदीय नवरात्रि इस बार 26 सितंबर को शुरू हो रहे हैं। सिद्धयोग में नवरात्रि का 30 साल बाद महायोग बन रहा हैं। शक्ति की भक्ति के लिए नौ दिन माँ दुर्गा की पूजा -पाठ, अनुष्ठान, घटस्थापना के साथ साथ अखंड ज्योति की अद्भुत महिमा हैं। अखंड ज्योति 9 दिन रखने का विधान हैं, तथा पूजा व आराधना द्वारा देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त: आश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा की तिथि 26 सितंबर 2022 को हैं सुबह 3 बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 27 सितंबर को सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त :
26 सितंबर 2022 सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक किया जा सकता हैं।

देवी माँ के नौ रूपों की पूजा:
26 सितंबर – प्रतिपदा – माँ शैलपुत्री
27 सितंबर – द्वितीया – माँ, ब्रह्मचारिणी
28 सितंबर – तृतीया – माँ चंद्रघंटा
29 सितंबर – चतुर्थी – माँ कुष्मांडा
30 सितंबर – पंचमी – माँ स्कन्दमा
1 अक्टूबर – षष्ठमी – माँ कात्यायनी
2 अक्टूबर – सप्तमी – माँ कालगौरी
3 अक्टूबर – अष्टमी – माँ महागोरी
4 अक्टूबर – नवमी – सिद्धिदात्री
5 अक्टूबर – दसमी – नवरात्रि माँ दुर्गा (विसर्जन)
पूजा सामग्री व श्रंगार:
तस्वीर, कलश, नारियल, गंगाजल, आम व अशोक के पते, सुपारी, अक्षत, लालवस्त्र, पुष्प, पंचमेवा, कुमकुम, रोली, गूगल, कमलगटा, प्रसाद, लाल चुनड़ी, पायल, लाली, बिंदी, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, इत्र, काजल, माला आदि अर्पित करें व माँ की कृपा प्राप्त करें.
– स्वामी सत्यप्रकाश
(आध्यात्मिक गुरु, प्रेरक वक्ता, लेखक व योगी)