
जोधपुर, 18 जनवरी/कृषि विभाग ने वर्तमान मौसम में पाले से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव के लिए किसानों के लिए सलाह दी है कि वे वैज्ञानिक तरीके से फसलों को बचाने के उपायों को काम में लेकर अपनी फसलों को पाले के प्रकोप से बचाएं।
विभाग के संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) श्री बी.के. द्विवेदी ने बताया कि जोधपुर जिले में विगत चार दिनों से तापमान अत्यन्त कम रहा है। कृषि विभाग द्वारा कराये गये प्राथमिक आंकलन में अरण्डी फसल में भारी नुकसान की सूचना प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त रायडा एवं ईशबगोल सहित अन्य फसलों में भी काफी नुकसान हुआ है। सर्दी के मौसम में जिस दिन दोपहर के पहले ठण्डी हवा चल रही हो, हवा का तापमान अत्यन्त कम होने लग जाये एवं अचानक हवा चलना बन्द हो जाये तब पाला पडने की संभावना बढ़ जाती है। पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधे की पत्तियां, कोंपलें, फूल, फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
इस तरह करें छिड़काव
इस स्थिति में उन्होंने पाले से फसलों को बचने के लिए किसानों को सलाह दी है कि गन्धक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत अर्थात 1 हजार लीटर पानी में 1 लीटर सांद्र गन्धक का तेजाब मिलाकर घोल तैयार करें एवं फसलों पर छिडकाव करें अथवा घुलनशील गन्धक की 0.2 प्रतिशत घोल का छिड़काव भी फसलों पर कर सकते है।
यह उपाय भी करें
यह भी सलाह दी है कि खेत की उत्तर-पश्चिम दिशा में, जहां से शीतलहर आती है, फसलों के अवशेष कूड़ा-करकट, घास-फूस जलाकर धुंआ करें। पाले के दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है। यह उपाय अपना कर कृषक अपनी फसलों को पाले के प्रकोप से बचा सकते हैं।
बीमा क्लेम के लिए दर्ज कराएं शिकायत
संयुक्त निदेशक ने बताया कि पाले से फसलों को हुई हानि का बीमा कम्पनी फ्यूचर जनरली इण्डिया इंश्योरेंश कम्पनी लि. द्वारा निर्धारित प्रक्रिया फसल कटाई प्रयोग के आधार पर बीमित कृषकों को नियमानुसार क्लेम दिया जाएगा। उन्होंने कृषकों से कहा है कि यदि असामायिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान होता है तो बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002664141 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।