अध्यात्म एक जीवन को संवारने व सुधरने का दिव्य मार्ग हैं। अध्यात्म से व्यक्ति का मानसिक विकास होता हैं। आज इस संसार में हर कोई अपने जीवन को अच्छा जीना चाहता हैं, और जीवन में कुछ कर गुजरने की ठानता हैं। जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाने के लिये हमारा आत्मविश्वास व आत्मबल का होना बेहद जरूरी हैं, आत्मविश्वास व आत्मबल के कारण ही महान कार्य संभव हो पाता हैं, व बड़े से बड़े कठिन कार्य भी आत्मविश्वास से सरल व आसान हो जाते हैं।

लेकिन जो व्यक्ति आत्मविश्वास व आत्मबल से कमजोर होता हैं वो जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता हैं । चींटी छोटी सी होती हैं, लेकिन अपने आत्मविश्वास व आत्मबल के कारण अनाज का दाना लेकर दीवार पर चढ़ जाती हैं, और कुछ लोग जीवन में छोटी सी परेशानी से हार मान लेते हैं। आत्मविश्वास का होना हमारे जीवन में होना बहुत महत्वपूर्ण हैं।
स्वामी विवेकानंद को अध्यात्म में पूर्ण आत्मविश्वास था, इसलिये वो बड़े से बड़े काम आसानी से कर लेते थे। उन्होंने अकेले समुद्र में टापू पर तीन दिन व तीन रात ध्यान किया और अध्यात्म ऊर्जा प्राप्त किया, यह आत्मविश्वास ही का परिणाम हैं, खुद पर पूर्ण विश्वास।

व्यक्ति तभी हारता व टूटता हैं जब उसका आत्मबल व आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता हैं। यह सच हैं की तन से टूटा हुआ व्यक्ति पर्वत जैसी विशाल चुनौतीयों को भी आसानी से पार हो जाता हैं, लेकिन मन से टूटा हुआ नहीं। संसार में हर तरह के विचारों व सोच के लोग होते हैं, कुछ लोग होते जो अपनी स्थिति, परस्थिति को दुःख मान लेते हैं, तथा बोझ समझने लगते हैं। वर्तमान में कोई घटना हो गई तो भविष्य की चिंता में डूब जाते हैं।
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लेकिन जो व्यक्ति अध्यात्म में और ईश्वर में विश्वास रखता हो, नित्य ध्यान करता हो वो व्यक्ति कैसी भी स्थिति, परिस्थिति में न तो दुःखी होता हैं, न सुखी, वो हर परस्थिति में सम रहता हैं।

आध्यात्मिक मनुष्य को पतन से रोकता हैं। भौतिकता व आधुनिकता के कारण व्यक्ति के भीतर जो भ्रम, अज्ञान, अंधकार उत्पन्न हुआ हैं उसे अध्यात्म के प्रकाश से ही दूर किया जा सकता हैं। अध्यात्म जीवन को सरल व आसान बना देता हैं तथा हमें जीवन के भौतिक, भावनात्मक, शांन्ति, आंनद व पूर्णतः संतुलन की भावना बना देता हैं, साथ ही हमें सकारात्मक सोच का मालिक बना देता हैं। नित्य प्राणायाम, ध्यान करने से मन को बल मिलता हैं, उसी बल व ऊर्जा से व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता हैं।
– स्वामी सत्यप्रकाश
(आध्यात्मिक गुरु, प्रेरक वक्ता व लेखक)